बदलते समय के साथ 'लोकतंत्र के मंदिर' के रूप में स्थापित नए संसद भवन का नवनिर्मित स्वरूप भी सामने बनकर तैयार है। जहाँ हमारे चुने गए प्रतिनिधि अपनी कलम और आवाज़ से देश और नागरिकों का भविष्य तय करेंगे। देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने नवनिर्मित परिषद को प्रत्येक भारतीयों को गौरवान्वित करने वाला बताया। पीएम ने शुक्रवार को ट्विटर पर एक वीडियो को साझा करते हुए लोगों से "माई पार्लियामेंट माई प्राइड" हैशटैग का प्रयोग करते हुए अपनी आवाज़ के साथ वीडियो को साझा करने का आग्रह भी किया।
- आइये जानते हैं इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य....
● सरकार ने वर्ष 2019 में सेंट्रल विस्टा रि-देवेलपमेंट प्रोजेक्ट को लाँच किया।
● नए संसद भवन के निर्माण में लगभग 59,000 कामगारों की भागीदारी है।
● साइट पर प्रतिदिन औसत लगभग 35 सौ कामगार (मैन पावर) लगाए जाते थे।
● साइट से बाहर प्रतिदिन औसतन 1,190 लोगों की भागीदारी होती थी।
● भवन के निर्माण में कुल 2.84 करोड़ मानव घंटे लगे।
● भवन के निर्माण में कुल 862 करोड़ रुपए अभी तक व्यय हुए।
● नए संसद भवन का क्षेत्रफल 64500 वर्ग मीटर है और इसकी ऊंचाई 39.6 मीटर है।
● इस भवन में बैठने की क्षमता 1272 सीटों की है जिसमें 888 सीट लोकसभा के लिए और 384 सीट राज्यसभा के लिए है।
● इसमें कुल 4 फ्लोर हैं।
● इसका जीवन काल लगभग 150 वर्ष अपेछित है।
● पहली बार 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा इसका नीव रखा गया।
● इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं ।
● आर्किटेक्ट कंपनी HCP Design, Planning and Management Pvt. Ltd. है।
● Main contractor- Tata project ltd. है।
● इसमें कुल तीन प्रवेश द्वार हैं-
• पहला- ज्ञान द्वार
• दूसरा- शक्ति द्वार
• तीसरा- कर्म द्वार
नए संसद भवन से जुड़े डॉक्यूमेंट्री व इमेज देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें-
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